माँ
तेरे आँचल मे
मेरा
रचा–बसा संसार है ।
जननी है तू
कीर्ति मनोहर
तेरी लीला
अपरंपार है ।
माँ
तेरे आँचल में
मेरा
रचा–बसा संसार है ।
— प्रो. (डा.) पुष्पा गुप्ता, हिन्दी विभाग, एम.डी.एम. कालेज,
आवास: अनुराग भवन, सुभाष नगर, मेन रोड, मुजफ्फरपुर–८४२००१
श्रोत: पुनरउत्थान, राष्ट्रिय त्रैमासिक पत्रिका, २०१६